Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Sep 2024 · 1 min read

खजूर के वृक्ष का दुख

बड़ा हुआ तो क्या हुआ ….
कबीर के दोहे से
खजूर बहुत खिन्न है
वह कहते सुना गया
मेरा यहाँ होना
अन्य वृक्षों से भिन्न है ॥

छाया और फलदार वृक्षों पर
किसने और क्यों
कुल्हाड़ी -आरी चलायी
मैँ जनता हूँ
पगडंडी जो नदी तक गईं
उसकी छाती पर ट्रक ट्रॉली
जिसने भी चलाई चलवाईं
पहचानता हूँ ॥

मेरी लंबाई के कारण
पहाड़ी मंदिरों के इर्दगिर्द
जुए और शराब के अड्डे
देश द्रोहियों के मिलन स्थल
मेरी निगाहों में है …
नदी के होते चीर हरण में
नदी के प्रदूषण में
बड़े बेड़े मिलेनियम सेठ
बड़े बड़े जन सेवकों के नाम
मेरी बाहों में हैं ।

कोई कुछ भी लिखें
किसी को कुछ भी दिखे
समय आने पर सब बताऊँगा
अपने लंबे होने का फर्ज़ निभाऊँगा ॥

83 Views
Books from Laxmi Narayan Gupta
View all

You may also like these posts

हमसफ़र
हमसफ़र
अखिलेश 'अखिल'
कुछ जवाब शांति से दो
कुछ जवाब शांति से दो
पूर्वार्थ
पति पत्नी संवाद (हास्य कविता)
पति पत्नी संवाद (हास्य कविता)
vivek saxena
प्रदूषण
प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
यह वो दुनिया है साहब!
यह वो दुनिया है साहब!
ओनिका सेतिया 'अनु '
क्या गुनाह है लड़की होना??
क्या गुनाह है लड़की होना??
Radha Bablu mishra
तेरी मीठी बातों का कायल अकेला मैं ही नहीं,
तेरी मीठी बातों का कायल अकेला मैं ही नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बेज़ुबान पहचान ...
बेज़ुबान पहचान ...
sushil sarna
*जीजी ने चिट्ठी के सॅंग में, राखी है भिजवाई (गीत)*
*जीजी ने चिट्ठी के सॅंग में, राखी है भिजवाई (गीत)*
Ravi Prakash
कोई किसी के लिए कितना कुछ कर सकता है!
कोई किसी के लिए कितना कुछ कर सकता है!
Ajit Kumar "Karn"
दुनिया में मैं कुछ कर न सका
दुनिया में मैं कुछ कर न सका
manorath maharaj
'डमरु घनाक्षरी'
'डमरु घनाक्षरी'
Godambari Negi
पराधीन
पराधीन
उमा झा
एक शाम उसके नाम
एक शाम उसके नाम
Neeraj Agarwal
बहने दो निःशब्दिता की नदी में, समंदर शोर का मुझे भाता नहीं है
बहने दो निःशब्दिता की नदी में, समंदर शोर का मुझे भाता नहीं है
Manisha Manjari
आज फिर दर्द के किस्से
आज फिर दर्द के किस्से
Shailendra Aseem
हाइकु- शरद पूर्णिमा
हाइकु- शरद पूर्णिमा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
10वीं के बाद।।
10वीं के बाद।।
Utsaw Sagar Modi
सिर्फ दरवाजे पे शुभ लाभ,
सिर्फ दरवाजे पे शुभ लाभ,
नेताम आर सी
योग
योग
Rambali Mishra
3913.💐 *पूर्णिका* 💐
3913.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"कमाल"
Dr. Kishan tandon kranti
sp109 खेल खेले जा रहे हैं
sp109 खेल खेले जा रहे हैं
Manoj Shrivastava
- स्मृति -
- स्मृति -
bharat gehlot
****प्रेम सागर****
****प्रेम सागर****
Kavita Chouhan
अब फज़ा वादियों की बदनाम हो गई है ,
अब फज़ा वादियों की बदनाम हो गई है ,
Phool gufran
' रहब हम मिथिलादेश में '
' रहब हम मिथिलादेश में '
मनोज कर्ण
कविता - 'टमाटर की गाथा
कविता - 'टमाटर की गाथा"
Anand Sharma
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
यह अपना धर्म हम, कभी नहीं भूलें
यह अपना धर्म हम, कभी नहीं भूलें
gurudeenverma198
Loading...