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29 May 2024 · 1 min read

गुरु

गुरु बड़ा नित मानिए, सदा करो सम्मान,
ज्यों-ज्यों मान बढ़ावत हो, त्यों-त्यों बनो महान ।
ओझल जब सब पथ हुए चहुँ ओर अंधकार,
गुरु दिखावत रास्ता, खुशियाँ मिले अपार ।
गुरुजन अब सब आपसे, मेरा एक उद्‌गार ।
गर्वित” भए चरण-धूलि से, वंदन करो स्वीकार ॥

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