नोक झोंक

मुक्तक
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नोक झोंक से बचकर रहना, बहुत जरूरी है।
सोच लीजिए ऐसी भी अब, क्या मजबूरी है।
शांत भाव से बातें कर लें, महकेगा जीवन।
साथ साथ आगे बढ़ने से, मिटती दूरी है।
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नोक झोंक में हो जाता है, समय बहुत बेकार।
और व्यर्थ ही बढ़ जाती है, आपस की तकरार।
स्नेह भरे संबंधों में भी, रहती नहीं मिठास।
ग्रहण लगा करता खुशियों को, कम हो जाता प्यार।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य