मनोज कुमार “कर्ण”
“क्यों नहीं मैं जान पाया,काल की मंथर गति ?
क्यों नहीं मैं समझ पाया,साकार की अंतर्वृत्ति ?
मोह अब कर लो किनारा,जिंदगी अब गायेगी ।
सत्य खातिर प्राण दूंगा, मौत हमसे हारेगी ।”
काव्य रचना “मौत हमसे हारेगी” से उद्धृत उपर्युक्त पंक्तियाँ मेरे जीवन की एक संघर्षपूर्ण विकट परिस्थितियों के फलस्वरूप जेहन में उभरी भावनाओं को शब्द रूप में पिरोने का प्रयास मात्र है। एक बार अवश्य अवलोकन करें इसी साहित्यपीडिया के पटल पर प्रकाशित है।
🥀जीवन-परिचय 🥀
रचनाकार का नाम – मनोज कुमार “कर्ण”
जन्म – 11 जुलाई 1965 (रविवार)
जन्मभूमि – लदहो, बिरौल, जिला – दरभंगा (बिहार)
कर्मस्थल—मिरचाईबारी, कटिहार, इंदिरा गांधी जिला
पुस्तकालय के पास, कटिहार (854105)
पिता का नाम – स्मृतिशेष रामानंद लाल कर्ण
माता का नाम – स्मृतिशेष जानकी देवी
पत्नी का नाम – श्रीमती निरुपमा
सम्प्रति – राज्य कर सहायक आयुक्त,
वाणिज्य – कर विभाग (जी एस टी)
(बिहार सरकार)
शिक्षा – एम० एस सी० (प्राणि विज्ञान), एल० एल बी०
मातृभाषा – मैथिली एवं हिंदी
रूचि :- लेखन एव पाठन कार्य, स्पोर्ट्स
(काव्य रचनाएं प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित।)
मोबाइल न० – 8757227201
ई मेल – mk65ktr@gmail.com
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