राह में मिले हम तुम,जैसे——— ?

राह में मिले हम तुम, जैसे अजनबी हो।
कुछ नहीं बोले हम तुम, जैसे अजनबी हो।।
राह में मिले हम तुम———————–।।
ऐसा नहीं कि तुमने, देखा नहीं हमको।
क्यों नहीं खुशी हमसे हुई, यार तुमको।।
झुकाकर निगाहें अपनी, निकल गए वहाँ से।
ऐसा लगा हमको तुम, जैसे अजनबी हो।।
राह में मिले हम तुम——————-।।
सोचा था पूछोगे, तुम यहाँ हाल हमारा।
मकसद यहाँ से, निकलने का हमारा।।
मगर हमने देखा, नाराज तुमको।
ऐसा लगा जैसे, तुम नाखुश हो।।
राह में मिले हम तुम————–।।
होगा नहीं अहमी, दिल तेरे जैसा।
बहुत मतलबी यार, साथी तेरे जैसा।।
भूल गये क्यों, मतलब पूरा कर।
करीब नहीं आये, जैसे नहीं जानते हो।।
राह में मिले हम तुम——————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)