*छोटी कविताएं*
# बिछड़ने के बाद
छुपाकर
मुस्कुराहटें,
खामोशियां
चेहरे बदलकर
किसी मोड़ पर
लोग
कभी कभी मिल ही जाते है
बिछड़ने के बाद भी
# सफ़र
अनकही बातों का सफ़र
ताउम्र चलता रहेगा
क्योंकि प्रतीक्षा
हमें जिनकी है
उन्हें किसी और की है
आखिर कैसे कह दे
बिन मुलाकात के
अलविदा
# इंतज़ार
ये इंतज़ार
पागलपन है
आंखों की तड़पन है
दिल की बेबसी है
जबकि पता है
नहीं आओगे तुम
# तुम तक
अनगिनत
भावनाओं की नदियां
हृदय के पर्वत से
निकलती है
कभी
मन बादल की तरह
आवारा हो जाता है
केवल तुम तक
आने को
✍️ दुष्यंत कुमार पटेल