तुझको बाहों में समा लूँ – ग़ज़ल
तुझको बाहों में समा लूँ, तो दिल को करार आये
पीर दिल की मिटा लूँ, तो दिल को करार आये I
तेरी सांसों से अपनी सांसों को मिला लूँ, तो दिल को करार आये
तुझे सीने से लगा लूँ, तो दिल को करार आये I
चाहतों का एक कारवाँ सजा लूँ, तो दिल को करार आये
तेरी आशिकी में खुद को मिटा दूँ, तो दिल को करार आये I
अनजाने में भी ना रूठना तुम मुझसे, सपने में भी
मुहब्बत का एक समंदर सजा लूँ, तो दिल को करार आये II
अनिल कुमार गुप्ता अंजुम