Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
13 Apr 2025 · 2 min read

बर्बादी

इस दुनिया में बर्बादी तो बहुत होती है। मगर इस बर्बादी का कारण एक ढंग से हम सब भी हैं। जैसे कि किसी भी कार्य में इस्तेमाल होने जाने वाले बचे भोजन की बर्बादी और कचरे एवं प्लास्टिक को इधर-उधर फेंक के की जाने वाली बर्बादी और व्यर्थ में पेड़ों को काट के की जाने वाली बर्बादी। जो भोजन शादियों एवं अन्य कार्यों में बच जाता है उसे इधर-उधर फेंक देने से भोजन की बहुत ही ज्यादा बर्बादी होती है। भोजन न होने के कारण इस देश में इस दुनिया में बहुत से लोग भुखमरी का शिकार हो जाता है। इधर-उधर कचरा फेंकने से या फिर प्लास्टिक फेकने से और व्यर्थ में पेड़ काटने से प्रदूषण फैलता इस प्रदूषण से भी बहुत से लोगों की जान जाती है बहुत से लोग बीमार हो जाते हैं। ऐसे ही बर्बादी शुरू होती है। इन छोटी मोटी गलतियों के कारण बहुत बड़ी परेशानी भी हो सकती है। मुझे एक बात आप सभी से कहनी है की जो भोजन आपके घरों में ऐसे ही फेक दिया जाता है उसे आप किसी जरूरतमंद को दे सकते हैं और कूड़े-कचरे एवं प्लास्टिक को भी आप कचरे के डिब्बे में फेंक सकते हैं और जो लोग रोज़ पेड़ों को व्यर्थ में काट देते हैं उन्हें आप सभी को रोकना चाहिए इससे हम सभी को अच्छे से ऑक्सीजन मिल सकता है। एक और बात मैं आप सभी से बोलती हूं कि हम सभी यह जो रोज़ गलतियां करते हैं उन्हें हमें सुधारना चाहिए। प्रकृति को शुद्ध रखना चाहिए। प्रदूषण से बचना चाहिए और इन गलतियों को करने से हमें खुद को और सभी लोगों को जो यह गलतियां करते हैं, उन्हें रोकना चाहिए। मैं आशा करती हूं कि आप सभी को मेरी बात अच्छी लगी होगी।
🙏🏻🙏🏻 धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻

🙏🏻🙏🏻🙏🏻 कुमारी आद्या🙏🏻🙏🏻🙏🏻

Loading...