झरोखा
भरोसा उठ गया, जिंदगी तुझसे।
हर एक ईंट से, झरोखा दिखाई देता है।
भरोसा रहा नहीं, आसियाने की दीवारों पर।
हर एक झरोखे से, धोखा दिखाई देता है।
श्याम सांवरा…..
भरोसा उठ गया, जिंदगी तुझसे।
हर एक ईंट से, झरोखा दिखाई देता है।
भरोसा रहा नहीं, आसियाने की दीवारों पर।
हर एक झरोखे से, धोखा दिखाई देता है।
श्याम सांवरा…..