कुंडलिया. . . . होली

कुंडलिया. . . . होली
होली पर पी कर करे, हर कोई हुड़दंग ।
नर नारी में व्याप्त है, मस्ती भरी उमंग ।
मस्ती भरी उमंग , नशे में नाचें सारे ।
मर्यादा को तोड़, आँख से करें इशारे ।
भला किसे अब ध्यान , रंग में भीगी चोली ।
छोड़ो भी तकरार, आज बस खेलो होली ।
सुशील सरना / 13-3-25