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27 Apr 2024 · 1 min read

संवेदना(फूल)

🌻🌹🌸🌺🌼
यूँ तो हम हैं सुंदर फूल,
जो बढ़ाते है बग़ीचे की शोभा
माली के अनुकूल,
रंग बिरंगे प्यारे -२
ख़ुशबू से महकाते
सभी के आँखों को भाते,
सुख-दुःख में है सबके साथी
है हमारी भी अपनी संवेदना
न तोड़ो हमें अपने
स्वार्थ के ख़ातिर-२
कभी ग़जरा बन,
नारी के केशों की शोभा बढ़ाते
महकता इत्र बन,
सभी के तन को भाते,
मंदिर की पूजा थाल में
सजकर प्रभु के चरणो में
शीश नवाते,
कभी चुनाव की रैलियों में
वर्षा की तरह
बरसाए जाते,
जन्मोत्सव में घर-आगँन
को लुभाते,
हम रस बनकर
तितलियों की सुंदरता है बढ़ाते,
मरण की वेदी में
खुब सजाए जाते,
सुख-दुःख में हम हैं सबके साथी
है हमारी भी अपनी संवेदना
न तोड़ो हमें अपने
स्वार्थ के ख़ातिर।।-२
🌹🌸🌺🍀🌷🌼🌻
स्वरचित एवं मौलिक- डॉ.वैशाली वर्मा✍🏻😇

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