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22 Jan 2024 · 1 min read

एक दिन

रेशम सी नर्म जुल्फें अपनी
मुझ पे लहराओ एक दिन
क्या दूर से ही देखते हो
यूं ही बरस जाओ एक दिन ।

हवाओं की तरह गुजरो
दिल की तंग गलियों से
फूलों की तरह बिखरो
मुझे महकाओ एक दिन ।

अपने हिस्से की सारी खुशियाँ
उन चंद लम्हों को दे दूं
यूं हाथ रख के मेरे सीने पे
मुझको समझाओ एक दिन ।

© अभिषेक पाण्डेय अभि

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