Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
*प्रणय*
72 Followers
Follow
Report this post
8 Jan 2025 · 1 min read
#विरोधाभास-
#विरोधाभास-
अशांति की राह पर चल कर शांति की खोज। धूर्तता नहीं तो और क्या?
【प्रणय प्रभात】
Language:
Hindi
Tag:
कटाक्ष
,
सम सामयिक
Like
Share
1 Like
· 9 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
फुर्सत की गलियां
Ragini Kumari
विषय: शब्द विद्या:- स्वछंद कविता
Neelam Sharma
शिवजी भाग्य को सौभाग्य में बदल देते हैं और उनकी भक्ति में ली
Shashi kala vyas
कल आग लगेगा पानी में🙏🙏
तारकेश्वर प्रसाद तरुण
# यदि . . . !
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
दिखने में इंसान मगर, काम सभी शैतान से
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
यहां ज्यादा की जरूरत नहीं
Swami Ganganiya
मां की ममता
Shutisha Rajput
साँसें
अनिल मिश्र
सच्चे रिश्ते
Rajesh Kumar Kaurav
जय मंगलागौरी
Neeraj Agarwal
मैं उसका और बस वो मेरा था
एकांत
बस्तर का वैलेंटाइन
Dr. Kishan tandon kranti
स्वाधीनता के घाम से।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
चुनौतियाँ शहरों की
Chitra Bisht
24. *मेरी बेटी को मेरा संदेश*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
तिरस्कार,घृणा,उपहास और राजनीति से प्रेरित कविता लिखने से अपन
DrLakshman Jha Parimal
मन की डोर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
वो मेरे बिन बताए सब सुन लेती
Keshav kishor Kumar
कोई भोली समझता है
VINOD CHAUHAN
..
*प्रणय*
उल्फत अय्यार होता है कभी कबार
Vansh Agarwal
लेखनी का सफर
Sunil Maheshwari
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
अच्छे बच्चे
विजय कुमार नामदेव
मैंने सोचा भी कहां था
हिमांशु Kulshrestha
खुश रहने की वजह
Sudhir srivastava
मुझसे देखी न गई तकलीफ़,
पूर्वार्थ
"हमारी खामी"
Yogendra Chaturwedi
3160.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...