मेरा परिचय
ग्राम नटेरन, जिला विदिशा, अंचल मध्य प्रदेश
भारतवर्ष का रहने वाला, मेरा नाम ‘सुरेश’
मेरे दादाजी ‘श्री जगन्नाथ जी’ , पिताजी ‘श्री गणेश’
मेरी दादी ‘हरवो देवी’ और ‘गोमती’ माता
श्री परमेश्वर गुरु है मेरे, सबका मुझ पर साया
भोपाल और विदिशा में, शिक्षण मैंने पाया
पत्रोपाधि इले.इंजी. स्तानक, हिंदी साहित्य पढ़ा, स्वयं को गढ़ा
शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में, शासकीय सेवा को व्यवसाय बनाया
‘ज्योति’ बनी जीवन संगिनी, कदम-कदम पर साथ निभाया,
घर-परिवार शासकीय सेवा दायित्व बढ़ा निभाया
उनकी सतत प्रेरणा से, लेखन को अपनाया,
राजधानी भोपाल अपना निवास बनाया
पत्र पत्रिकाओं में लेखन को वक़्त मैं दे पाया,
इन्हीं साहित्यिक संस्थाओं ने, मेरा मान बढ़ाया
मात पिता गुरु आशीषों से, मैंने सब कुछ पाया
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल (मध्य प्रदेश)
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