Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Apr 2025 · 1 min read

पवन पुत्र हनुमान

वायु पुत्र हनुमान,
करें राम गुणगान,
रख मर्यादा का ध्यान,
रचें दिव्य विधान ये।

कहतींं हैं सीता माता,
राम गुण नित गाता,
उससे सुत सा नाता,
चाहे बस सम्मान ये।

रक्त वर्ण का वंदन,
श्रद्धा का अभिनंदन,
निर्मल भक्तों का मन,
सदा रखते ध्यान ये।

श्रेष्ठ करो हर कर्म,
समझो पावन मर्म,
है सच्चा मानव धर्म,
देते उत्तम ज्ञान ये।।

डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम

Language: Hindi
31 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

टुकड़े हजार किए
टुकड़े हजार किए
Pratibha Pandey
मेरा किरदार शहद और नीम दोनों के जैसा है
मेरा किरदार शहद और नीम दोनों के जैसा है
Rekha khichi
Love's Burden
Love's Burden
Vedha Singh
नाकामयाबी
नाकामयाबी
भरत कुमार सोलंकी
3084.*पूर्णिका*
3084.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हमारी भतीजी
हमारी भतीजी
Ravi Prakash
** खोज कन्हैया की **
** खोज कन्हैया की **
Dr. P.C. Bisen
जोड़कर  तोड़ते  नहीं  रिश्ता
जोड़कर तोड़ते नहीं रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
‘प्रकृति से सीख’
‘प्रकृति से सीख’
Vivek Mishra
रिश्तों में झुकना हमे मुनासिब लगा
रिश्तों में झुकना हमे मुनासिब लगा
Dimpal Khari
गुरु शिष्य परंपरा
गुरु शिष्य परंपरा
Karuna Bhalla
फूल और स्त्री
फूल और स्त्री
Shweta Soni
#झुनझुना-😊
#झुनझुना-😊
*प्रणय प्रभात*
दिनचर्या
दिनचर्या
Santosh kumar Miri
बेटियां अमृत की बूंद..........
बेटियां अमृत की बूंद..........
SATPAL CHAUHAN
" तुम "
Dr. Kishan tandon kranti
चंद पैसे जब मिले
चंद पैसे जब मिले
पूर्वार्थ
बड़े हुए सब चल दिये,
बड़े हुए सब चल दिये,
sushil sarna
"प्रश्नों के बाण"
DrLakshman Jha Parimal
“मिट्टी
“मिट्टी"।
Amber Srivastava
सुना था,
सुना था,
हिमांशु Kulshrestha
जो घनश्याम तुम होते.....
जो घनश्याम तुम होते.....
पं अंजू पांडेय अश्रु
नकाब खुशी का
नकाब खुशी का
Namita Gupta
वक्त की रेत पर
वक्त की रेत पर
करन ''केसरा''
तुम्हारे इश्क़ की तड़प जब से लगी है,
तुम्हारे इश्क़ की तड़प जब से लगी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
" अधरों पर मधु बोल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
बंधन खुलने दो(An Erotic Poem)
बंधन खुलने दो(An Erotic Poem)
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
“कभी मन करे तो कुछ लिख देना चाहिए
“कभी मन करे तो कुछ लिख देना चाहिए
Neeraj kumar Soni
इंसान बनाम भगवान
इंसान बनाम भगवान
Khajan Singh Nain
तेरी ये बिंदिया
तेरी ये बिंदिया
Akash RC Sharma
Loading...