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अकेलेपन का अंधेरा
अकेलेपन का अंधेरा
SATPAL CHAUHAN
गौरैया
गौरैया
Dr.Pratibha Prakash
चेतावनी हिमालय की
चेतावनी हिमालय की
Dr.Pratibha Prakash
नारी तू नारायणी
नारी तू नारायणी
Dr.Pratibha Prakash
मुझे पति नहीं अपने लिए एक दोस्त चाहिए: कविता (आज की दौर की लड़कियों को समर्पित)
मुझे पति नहीं अपने लिए एक दोस्त चाहिए: कविता (आज की दौर की लड़कियों को समर्पित)
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
संवेदना
संवेदना
Saraswati Bajpai
फकीरा मन
फकीरा मन
संजीवनी गुप्ता
कविता.
कविता.
Heera S
अगर तुम कहो
अगर तुम कहो
Akash Agam
तुम्हारा पहला पहला प्यार
तुम्हारा पहला पहला प्यार
Akash Agam
धीरे-धीरे सब ठीक नहीं सब ख़त्म हो जाएगा
धीरे-धीरे सब ठीक नहीं सब ख़त्म हो जाएगा
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नाख़ूनों पर
नाख़ूनों पर
Akash Agam
लड़कियांँ इतनी सुंदर भी होती हैं
लड़कियांँ इतनी सुंदर भी होती हैं
Akash Agam
मैं तुम्हारी क्या लगती हूँ
मैं तुम्हारी क्या लगती हूँ
Akash Agam
जाग जाग हे परशुराम
जाग जाग हे परशुराम
उमा झा
"वाणी की भाषा": कविता
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मजदूर की करुणा
मजदूर की करुणा
उमा झा
आज का युवा
आज का युवा
Madhuri mahakash
खा ले तितली एक निवाला
खा ले तितली एक निवाला
उमा झा
बोलो जय जय सिया राम
बोलो जय जय सिया राम
उमा झा
भारत भविष्य
भारत भविष्य
उमा झा
प्रीत ऐसी जुड़ी की
प्रीत ऐसी जुड़ी की
Seema gupta,Alwar
तितली तुम भी आ जाओ
तितली तुम भी आ जाओ
उमा झा
नारी शक्ति का स्वयं करो सृजन
नारी शक्ति का स्वयं करो सृजन
उमा झा
समय की महत्ता
समय की महत्ता
उमा झा
प्रकृति की गोद
प्रकृति की गोद
उमा झा
जीवन भंवर
जीवन भंवर
Dr.Pratibha Prakash
कौन है सबसे विशाल ?
कौन है सबसे विशाल ?
उमा झा
मैं
मैं
Dr.Pratibha Prakash
वो है संस्कृति
वो है संस्कृति
उमा झा
स्मृति
स्मृति
Dr.Pratibha Prakash
आकांक्षा
आकांक्षा
उमा झा
टिप्पणी
टिप्पणी
उमा झा
मेरी जातक कथा
मेरी जातक कथा
उमा झा
तू ज्वाला की तिल्ली हो
तू ज्वाला की तिल्ली हो
उमा झा
मेरी लेखनी कहती मुझसे
मेरी लेखनी कहती मुझसे
उमा झा
जज़्बात-ए-कलम
जज़्बात-ए-कलम
Chandrakant Sahu
संवेदना
संवेदना
Namita Gupta
जब लिखती हूँ मैं कविता
जब लिखती हूँ मैं कविता
उमा झा
मैं विपदा----
मैं विपदा----
उमा झा
वसुधैव कुटुम्बकम्
वसुधैव कुटुम्बकम्
उमा झा
काली रजनी
काली रजनी
उमा झा
फिदरत
फिदरत
Swami Ganganiya
आंसू
आंसू
Kanchan Alok Malu
05/05/2024
05/05/2024
Satyaveer vaishnav
“सोच खा जाती हैं”
“सोच खा जाती हैं”
ओसमणी साहू 'ओश'
संवेदना ही हमारी इन्सानियत है,
संवेदना ही हमारी इन्सानियत है,
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
"बात अंतस की"
ओसमणी साहू 'ओश'
“बनावटी बातें”
“बनावटी बातें”
ओसमणी साहू 'ओश'
क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
gurudeenverma198
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