ज्योतिबा फुले का नाम तब तक रहेगा

(शेर)- भारत में महिला शिक्षा के लिए, बोलो किसने पहला स्कूल खोला था।
शोषित- वंचित वर्गों के शोषण के खिलाफ, किसने मोर्चा खोला था।।
बनाकर सत्य शोधक समाज किसने, शुरुआत की समाज सुधार की।
सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ भारत में, किसने हल्ला बोला था।।
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जब तक यह सूरज और चांद रहेगा।
ज्योतिबा फुले का नाम तब तक रहेगा।।
शोषितों के लिए, जो किया ज्योतिबा ने।
इसके लिए ज्योतिबा का देश ऋण रहेगा।।
जब तक यह सूरज———————–।।
11 अप्रैल 1827 को, जन्म लिया ज्योतिबा ने।
1848 में पहला, महिला स्कूल खोला ज्योतिबा ने।।
सावित्री बाई फुले को बनाया, पहली महिला शिक्षिका।
महिला शिक्षा में ज्योतिबा का योगदान अमर रहेगा।।
जब तक यह सूरज————————-।।
लिंग असमानता के खिलाफ, जंग शुरू की ज्योतिबा ने।
शोषितों के शोषण के खिलाफ, क्रांति शुरू की ज्योतिबा ने।।
सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ, ज्योति जलाई ज्योतिबा ने।
ज्योतिबा का जय ज्योति-जय क्रांति का नारा अमर रहेगा।।
जब तक यह सूरज————————।।
समाज सुधारक, लेखक, एक दार्शनिक थे ज्योतिबा।
सत्य शोधक समाज के निर्माता, महात्मा थे ज्योतिबा।।
गुलामगिरी लिखकर ज्योतिबा ने, सोये वर्ग को जगाया।
ज्योतिबा का जीवन सच में, पूजनीय विश्व में रहेगा।।
जब तक यह सूरज————————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)