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11 Apr 2025 · 5 min read

सिनेमा को नई दिशा देता हरियाणा सिने फाउंडेशन

सुशील कुमार ‘नवीन’
कोरोना काल के बाद सोशल मीडिया का प्रयोग बहुत तेजी से बढ़ा है। केवलमात्र मनोरंजन के उद्देश्य से शुरू हुआ यह प्रयोग आज एक बहुत बड़ा व्यवसायिक रूप धारण कर चुका है। क्या नेता,क्या अभिनेता, क्या गायक, क्या संगीतकार सब अपने आप को इसकी गिरफ्त से बचा नहीं पाये हैं। दुनिया भर के लोग इसके माध्यम से अपनी छुपी प्रतिभा को प्रदर्शित कर रहे हैं। अब इसका सदुपयोग कैसे हो? इसका लाभ सकारात्मक दिशा में किस तरह बढ़े? क्रिएटिववीटी में इसका सार्थक और सही प्रयोग किस प्रकार हो? इस बारे में सही दिशा और मार्गदर्शन की जरूरत महसूस हुई। ऐसे समय में जब सब निराशा और भय के माहौल में थे। उनमें नए उत्साह और जोश का संचार करने के उद्देश्य से सिने फाउंडेशन हरियाणा ने पहल की। ऑनलाइन माध्यम से ही छिपी प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर देने के लिए मंच प्रदान किया। ऑनलाइन ही प्रशिक्षण दिए गए। परिणाम बेहतर रहे तो आयोजनों को और भव्य बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए गए। जो साल दर साल और प्रगति की राह की ओर अग्रसर है।

राजकुमार राव, रणदीप हुड्डा, ईशा गुप्ता आदि कर चुके शिरकत
सिने फाउंडेशन के इन महोत्सवों में अभिनेता राजकुमार राव, रणदीप हुड्डा, अभिनेत्री ईशा गुप्ता से लेकर पंजाबी गायक दलेर मेहंदी, पम्मी बाई, पटकथा लेखिका अद्वैत काला, प्रसिद्ध निर्माता निर्देशक चंद्र प्रकाश द्विवेदी, विवेक रंजन अग्निहोत्री (कश्मीर फाइल फ्रेम) , सुदीपो सेन (केरला स्टोरी) आदि शिरकत कर चुके हैं। इसके अलावा पदमश्री महावीर गुड्डू,अतुल गंगवार, मनीष सैनी, अमृत राय,दीपक दुआ, राजीव भाटिया,संदीप शर्मा, जोशी मलंग, विनय सिंघल, संदीप भूतोडिया,विपुल अमृतलाल शाह, अमिताभ वर्मा ,अनूप लाठर, महासिंह पूनिया आदि ने भी लगातार इन महोत्सवों में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है।

तीन सौ लघु फिल्मों के निर्माण को कर चुके प्रेरित
हरियाणवीं संस्कार और संस्कृति के संरक्षण और हरियाणा के गौरवशाली इतिहास को दुनिया के सामने लाने के लिए सिने फाउंडेशन हरियाणा (विश्व संवाद केंद्र) द्वारा शुरू किए गए इस तरह के प्रयास रंग अब लाने लगे हैं। बीते पांच वर्षों में 28 से अधिक विभिन्न संस्थानों में 58 प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से 8200 छात्रों को न केवल सिनेमा क्षेत्र में कार्य के लिए प्रशिक्षित किया गया है, अपितु उन्हें उनकी प्रतिभा को विश्वस्तर पर पहचान दिलाने के लिए एक बेहतरीन मंच भी प्रदान किया गया है। अब तक तीन बड़े हरियाणा फिल्म महोत्सव के माध्यम से तीन सौ से अधिक लघु फिल्मों, वृतचित्र (डाक्यूमेंट्री), रील को लाखों लोगों तक पहुंचाने का काम किया जा चुका है।
भारतीय चित्र साधना और विश्व संवाद केंद्र के साथ सिने फाउंडेशन द्वारा पिछले सात वर्षों से हरियाणा फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। स्थापना की शुरुआत से ही सिने फाउंडेशन का आयोजन के प्रति उद्देश्य सीधी तरह से साफ है। इसके तहत हरियाणा के गौरवशाली इतिहास, संस्कार-संस्कृति से जुड़े विषयों को प्रमुखता दी जा रही है। सिने फाउंडेशन का मानना है कि समाज और राष्ट्र को सही दिशा और पहचान युवा वर्ग ही दे सकते हैं। प्रतिभाओं की देश में कोई कमी नहीं है। सोशल मीडिया आज क्रिएटिव सोच रखने वालों से भरा पड़ा है। ऐसे में इनकी क्रिएटिविटी का प्रयोग समाज और राष्ट्र की प्रगति के लिए सकारात्मक रूप से किया जा सकता है।फाउंडेशन इसी सोच के साथ नई प्रतिभाओं को मंच प्रदान कर युवाओं को शॉर्ट मूवी, एनिमेशन फिल्में व डाक्यूमेंटरी बनाने के लिए प्रेरित कर रहा है। इससे अधिक से अधिक युवा प्रेरणा लेकर हरियाणा के गौरव से जुड़ी शॉर्ट मूवी, एनिमेशन फिल्में व डाक्यूमेंटरी बना रहे हैं।

प्रख्यात फिल्म निर्देशकों का मिलता है मार्गदर्शन
सिने फाउंडेशन के सहयोग से रोहतक के महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय में हाल ही में प्रांत स्तर पर हरियाणा फिल्म महोत्सव का आयोजन किया गया है। ऐसा नहीं है कि इस तरह का यह पहला आयोजन था। इससे पूर्व भी इस तरह का आयोजन एक बार ऑनलाइन तथा दूसरी बार हिसार में किया गया है। आयोजन में केवल आवेदन मांगकर पुरस्कार देकर इतिश्री नहीं किया जा रहा, अपितु क्रिएटर्स की क्रिएटिविटी और बेहतर कैसे अपग्रेड हो इस पर फोकस किया जाता है। आयोजन से पहले विभिन्न संस्थानों में वर्कशॉप आयोजित कर युवाओं को इसके लिए प्रेरित किया जाता है। फिर आयोजन में प्रख्यात फिल्म निर्देशकों को आमंत्रित कर फिल्म महोत्सव में फिल्म मैकिंग को लेकर प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इसके परिणामस्वरूप फिल्म मैकिंग के क्षेत्र में रुचि रखने वाले युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर इस क्षेत्र में आगे बढ़कर हरियाणा का नाम रोशन कर रहे हैं।

98 फिल्मों में से 43 की हुई इस बार स्क्रीनिंग

फिल्म महोत्सव के लिए विश्व संवाद केंद्र द्वारा इस बार रोहतक के आयोजन के लिए प्रदेशभर के संस्थानों में 23 कार्यशालाओं का आयोजन कर फिल्म मैकिंग से जुड़े युवाओं को प्रेरित किया गया है। इन कार्यशालाओं में लगभग एक हजार से अधिक युवाओं द्वारा भागीदारी की गई है। इसी का सकारात्मक परिणाम है कि हरियाणा फिल्म महोत्सव के लिए इस बार 98 शॉर्ट मूवी व डाक्यूमेंटरी पहुंचीं। इन शॉर्ट मूवी व डाक्यूमेंटरी में से ज्यूरी कमेटी द्वारा 43 शॉर्ट मूवी व डाक्यूमेंटरियों का चयन किया गया। 29 को विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किए गए। फिल्म फैस् के दौरान इन सभी शॉर्ट मूवी व डाक्यूमेंटरियों को चार पर्दों पर दिखाया गया। इसमें लगभग एक हजार लोगों की उत्साहपूर्ण भागीदारी रही।

प्रोफेशनल व नॉन प्रोफेशनल दो तरह की श्रेणियों में होता है चयन
हरियाणा फिल्म महोत्सव में प्रोफेशनल व नॉन प्रोफेशनल दो तरह की श्रेणियां बनाई जाती हैं। सर्वश्रेष्ठ फिल्म प्रोफेशनल की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ फिल्म को 31 हजार, द्वितीय को 21 हजार व तृतीय को 11 हजार का पुरस्कार दिया जाता है। इसी प्रकार सर्वश्रेष्ठ फिल्म वृत्त चित्र में प्रथम स्थान पर आने वाले वृत्त चित्र को 31 हजार, द्वितीय स्थान पर 21 हजार व तृतीय पुरस्कार विजेता को 11 हजार रुपए का पुरस्कार मिलता है। सर्वश्रेष्ठ शॉर्ट फिल्म नॉन प्रोफेशनल में प्रथम स्थान पर 11 हजार, द्वितीय स्थान पर 8100 व तृतीय स्थान पर 5100 रुपए का पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। इसी तरह सर्वश्रेष्ठ डाक्यूमेंटरी नॉन प्रोफेशनल की श्रेणी में प्रथम डाक्यूमेंटरी को 11 हजार, द्वितीय को 8100 व तृतीय को 5100 रुपए का पुरस्कार मिलता है। इसके अलावा श्रेष्ठ अभिनेता, श्रेष्ठ अभिनेत्री, श्रेष्ठ निर्देशक, श्रेष्ठ फिल्मांकन, श्रेष्ठ संपादक व श्रेष्ठ कहानी को 5100-5100 रुपए के पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।

प्रदेश सरकार भी है सकारात्मक
फिल्म निर्माण के प्रति प्रदेश सरकार भी सकारात्मक रुख धारण किए हुए है। फिल्म निर्माण पॉलिसी बनाई जा चुकी है। सरकार ने दो चरणों में फिल्म सिटी बनाने जा रही है। पहले चरण में पंचकूला के पिंजौर में 100 एकड़ में फिल्म सिटी बनाई जा रही है। इसके लिए जमीन निर्धारित की जा चुकी है। दूसरे चरण में गुरुग्राम में फिल्म सिटी का निर्माण किया जाएगा। सीएम नायब सिंह सैनी ने आयोजन में भागीदारी करते हुए कहा कि दूरदर्शन पर हफ़्ते में एक बार हरियाणवी फ़िल्म का प्रदर्शन करने के संबंध में प्रसार भारती के साथ बातचीत की जाएगी। दादा लखमी चंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स (सुपवा) को हरियाणा के प्रत्येक विश्वविद्यालय में फ़िल्म मेकिंग कोर्स शुरू करने की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके अलावा, हर स्कूल में थिएटर एजुकेशन शुरू करने के लिए भी सुपवा शिक्षा विभाग के साथ मिलकर इस दिशा में प्रयास करेगा। सोच पॉजिटिव हो तो परिणाम भी पॉजिटिव ही रहते हैं। उम्मीद है आने वाले समय में हरियाणा सिनेमा एक नई पहचान बनाएगा। महाभारत के उद्योग पर्व में वर्णित श्लोक भी यही कहता है –
कर्मणामी भान्ति देवाः परत्र कर्मणैवेह प्लवते मातरिश्वा।
अहोरात्रे विदधत् कर्मणैव अतन्द्रितो नित्यमुदेति सूर्यः।
भाव है कि कर्म के कारण ही देवता चमक रहे हैं। कर्म के कारण ही वायु बह रही है। सूर्य भी आलस से रहित कर्म करके नित्य उदय होकर दिन और रात का विधान कर रहा है।

लेखक;
सुशील कुमार ‘नवीन‘, हिसार
96717 26237
लेखक वरिष्ठ पत्रकार और स्तंभकार है। दो बार अकादमी सम्मान से भी सम्मानित हैं।

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