Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Aug 2024 · 1 min read

चुनाव और विकास

एक महानुभाव ने कहा —
‘देश में विकास नहीं हो रहा।
जिन्हें हम चुनकर भेजते हैं
वो विकास तो कर रहे हैं
लेकिन सिर्फ़ अपना …
कल थी एक कार
आज हैं चार-चार ।
जो कल रह रहे थे चौल में,
आज घूम रहे हैं बड़े-बड़े मॉल में ।
जो कहते हैं खुद को हमारा सेवक
उनके पुत्र-पुत्रियाँ हवाई जहाज में बैठकर
इंग्लैंड पढ़ने जा रहे हैं
और हम, जो कि उनके मालिक हैं,
अपने बच्चों की फीस भी नहीं भर पा रहे हैं ।
इतना सुनकर नहीं रोक पाया मैं खुद को,
मैंने उत्तर दिया —
हम कब चुनते हैं विकास करने वाले नेता को !
हमने कब चुना ईमानदार और लालचशून्य नेताओं को !
क्या हमने कभी अपना नेता ऐसा चुना,
जो करवा दे आपके यहाँ विकास ?
या फिर कोई ऐसा नेता,
जो अंधकार में ले आए प्रकाश?
इसका जवाब तो सिर्फ ये है कि —
हमने तो सिर्फ़ अपनी जाति का नेता चुना है,
जिसे अपनी जाति से वोट लेने तक ही मतलब है।
हमने तो सिर्फ़ मंदिर बनाने वाला और मंदिर तोड़ने वाला नेता ही चुना है,
जो अपने अपने खेमे को भड़काकर
सिर्फ़ वोट हासिल करना चाहता है ।
हमने कब रहने दिया लोकतंत्र को लोकतंत्र के जैसा?
हमने कब रहने दिया नेता को हमारा सेवक ?
हमने उसे हमारा मालिक खुद बना दिया है ।
हमने चुना तो सब कुछ
लेकिन हमारे चुनने में
कई गलतियाँ रहीं
इसी वजह से हमने ‘विकास’ को छोड़कर
सब कुछ चुन लिया ।

— सूर्या

1 Like · 187 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from SURYA PRAKASH SHARMA
View all

You may also like these posts

*जो कभी नहीं सोचा होगा, प्रत्यक्ष सामने आता है (राधेश्यामी छ
*जो कभी नहीं सोचा होगा, प्रत्यक्ष सामने आता है (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
अंधेरे में
अंधेरे में
Santosh Shrivastava
अंतरात्मा की आवाज
अंतरात्मा की आवाज
SURYA PRAKASH SHARMA
करुणभाव
करुणभाव
उमा झा
दिगपाल छंद{मृदुगति छंद ),एवं दिग्वधू छंद
दिगपाल छंद{मृदुगति छंद ),एवं दिग्वधू छंद
Subhash Singhai
*सुनो माँ*
*सुनो माँ*
sudhir kumar
इश्क
इश्क
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
" महफ़िल "
Dr. Kishan tandon kranti
माँ
माँ
Dr Archana Gupta
इंतज़ार
इंतज़ार
Dipak Kumar "Girja"
.
.
*प्रणय प्रभात*
हम सभी को लिखना और पढ़ना हैं।
हम सभी को लिखना और पढ़ना हैं।
Neeraj Kumar Agarwal
नयी कोपलें लगी झाँकने,पा धरती का प्यार ।
नयी कोपलें लगी झाँकने,पा धरती का प्यार ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
चोर दरबार से नहीं निकला
चोर दरबार से नहीं निकला
अरशद रसूल बदायूंनी
इंसान
इंसान
krupa Kadam
ऋषि परशुराम के सीता से बिआह प्रस्ताव।
ऋषि परशुराम के सीता से बिआह प्रस्ताव।
Acharya Rama Nand Mandal
अपनी नज़र में
अपनी नज़र में
Dr fauzia Naseem shad
Why did we have to lose a balloon when we were kids? Maybe i
Why did we have to lose a balloon when we were kids? Maybe i
पूर्वार्थ
भारत
भारत
sheema anmol
3695.💐 *पूर्णिका* 💐
3695.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कुंडलिया छंद: एक विवेचन ( समीक्षा )
कुंडलिया छंद: एक विवेचन ( समीक्षा )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
परमेश्वर की वार्ता
परमेश्वर की वार्ता
महेश चन्द्र त्रिपाठी
तुझे बंदिशों में भी अपना राहगुज़र मान लिया,
तुझे बंदिशों में भी अपना राहगुज़र मान लिया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कृष्ण
कृष्ण
विशाल शुक्ल
अम्बेडकर की आत्मा
अम्बेडकर की आत्मा
जय लगन कुमार हैप्पी
कविता-
कविता- "हम न तो कभी हमसफ़र थे"
Dr Tabassum Jahan
कन्या भ्रूण हत्या
कन्या भ्रूण हत्या
Sudhir srivastava
कहते हैं, वह खूब लड़ी मर्दानी जो थी झांसी वाली रानी,
कहते हैं, वह खूब लड़ी मर्दानी जो थी झांसी वाली रानी,
Sakshi Singh
आपके अलावा यहां आपका कोई नहीं है बस आप भ्रम में जी रहे हैं,
आपके अलावा यहां आपका कोई नहीं है बस आप भ्रम में जी रहे हैं,
Ravikesh Jha
मीनू
मीनू
Shashi Mahajan
Loading...