अरुणोदय पथ
अरुणोदय पथ
समरसता उत्कर्ष अनुराग,
होते तिरोहित वैराग।
शुभता का संदेश निरंतर,
जीवन पाए मकरंद पराग।।
ऋतु बसंत मधुमास,
पूर्ण चंद्र की आस।
नित्य निरंतर जीवन पथ पर,
ब्रह्म एकात्मता अहसास।।
स्वार्थ अहंकार काषाय पाश,
कटुता का हो विनाश।
सप्तरंगी दुनिया समरस,
अरुणिम सौहार्द्र भरी श्वांस श्वांस।।
पुष्प पल्लव प्रफुल्ल,
समग्र मानवता आकाश।
मिटे क्लेश पाप समस्त,
नवगति नवस्वर आवें पास।।
जीवन समग्र मधुता भरा,
प्रस्फुटित पराग विन्यास।
एकात्म रूप लोक समग्र,
नव पल्लव नव प्रयास। ।
नृसिंह अवतरण जन जन में,
दानवता का समग्र विनाश।
प्रहलाद जगें निर्बाध,
अरुणोदय पथ आयास।।
दारिद्र्य आलस्य दुर्भाव,
बनें सकल अग्निप्राश।
शांति आनंद आरोग्य निनादित,
आशामय सकल विकास।।
डॉ. रवींद्र सोनवाने बालाघाट