मन की बात

हम करें तन-मन समर्पित,
देश हित जीवन को अर्पित,
देश ही के काम हर पल
आएं, तो जीना सफल है।
छल-कपट का तम हटाएं,
स्वप्न, आशा के सजाएं,
कष्टमय जग के अधर हँस
पाएं, तो जीना सफल है।।
रुग्ण सपनों को बटोरें,
भग्न आशा-सेतु जोड़ें,
भेद जो पनपें, वही मिट
जाएं, तो जीना सफल है।
भूल सारे जाति-बंधन,
बस करें हम देश-वंदन
एकता का गान मिलकर,
गाएं तो जीना सफ़ल है।
रश्मि लहर