मंजिल की राह
भले गाँव से हो या कोई नगर से
वही बढ़ता आगे निकलता जो घर से
नहीं हारना यार हिम्मत कभी तुम
न पाया वो मंजिल डरा जो सफ़र से
मुक्तक- आकाश महेशपुरी
दिनांक- 02/04/2025
भले गाँव से हो या कोई नगर से
वही बढ़ता आगे निकलता जो घर से
नहीं हारना यार हिम्मत कभी तुम
न पाया वो मंजिल डरा जो सफ़र से
मुक्तक- आकाश महेशपुरी
दिनांक- 02/04/2025