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3 Feb 2024 · 1 min read

आखिर कब तक

आखिर कब तक
तुम अपने कातिल मुस्कान से
मुझे तड़पाते रहोगे
कम से कम एक बार
तुम अपने सप्तरंगी ख्वाबो में
मुझे बसा के तो देखो ।

आखिर कब तक
तुम अपने दर्द भरे कसैला शब्दो से
मेरे दिल को लहू लूहान करते रहोगे
कम से कम एक बार
तुम अपने पुलकित मन में
मुझे बसा के तो देखो ।

आखिर कब तक
तुम अपने नफरत की आग में
मुझे जिन्दा जलाते रहोगे
कम से कम एक बार
तुम अपने तन बदन के मलय-समीर में
मुझे बसा के तो देखो ।

आखिर कब तक
तुम अपने ही दुनियाँ में
हमेशा डुबे रहोगे
कम से कम एक बार
मेरे दिले ख्वाहिश में
अपनी खुश्ब बिखेर के तो देखो ।

आखिर कब तक
तुम मुझ पर
अपना सितम ढ़ाते रहोगे
कम से कम एक बार
तुम अपनी आँखो मे
मुझे नूर बनाके तो देखो ।
#दिनेश_यादव
काठमाण्डू (नेपाल)

Language: Hindi
1 Like · 240 Views
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