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31 May 2024 · 1 min read

"कुछ अइसे करव"

“कुछ अइसे करव”
कुछ अइसे करव जम्मो झन
खतम होय अनियाय,
दुख-पीरा झन रहय जगत म
सिरजय नवा अधियाय।

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