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9 Dec 2024 · 1 min read

अपूर्णता में तेरे सम्पूर्णता न होगी

अपूर्णता में तेरे सम्पूर्णता न होगी
प्रयासों में तेरे जो व्याकुलता न होगी

उद्देश्य रहित तेरी सफलता न होगी
विचारों में तेरे जो मौलिकता ना होगी

अर्थ मनुष्यता का समझ न सकोगे
हृदय में तेरे जो आत्मीयता न होगी

मित्रो का जीवन में न आभाव होगा
व्यवहार में तेरे जो किलष्टता न होगी
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

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