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26 Feb 2024 · 1 min read

क्यों गए थे ऐसे आतिशखाने में ,

क्यों गए थे ऐसे आतिशखाने में ,
के अपना दामन जला आए ।
तौबा ! कैसा सितम हम खुद ,
अपनी ही जिंदगी से कर आए।

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