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7 Jul 2024 · 1 min read

हमको समय बिलौना

फुरसत में होना भी अब
रोने जैसा ही रोना है
पास नहीं पोती-पोते
ये जीवन आधा-पौना है ।

पढ़े-लिखे बेटे बेटी
बने सुयोग्य, छोड़ घर भागे
मीलों दूर बसे जाकर के
मातु-पिता को बना अभागे ।

पारवारिक परिभाषा में
गहराया परिवर्तन भारी
सँयुक्त परिवार तोड़कर
भौतिक तंत्र हुआ गिरधारी ।

मिलजुल कर जीवनसाथी
जो सोचें , मार्ग सलौना है
वे अपना कर्तव्य निभाते
हमको समय बिलौना है ।

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