लोग
कुछ जलते भुनते लोग नदीनाले से उफनते लोग !
रख सीख ताक पे नफरत का जाल बुनते लोग !!
पत्थर को शीश नवाते अपनो को तरसाते लोग !
मालूम है गिर पड़ेंगे फिर भी दौड़ लगाते लोग !!
मतलब की दुनियां यारो प्रेम मतलब का जोग !
हासिल की शून्य है फिर भी जोड़ लगाते लोग !!
• विशाल शुक्ल