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4 May 2024 · 1 min read

चांद शेर

बदला है मिजाज़ फ़िज़ाओं का!
आसlर बारिश के बनने लगे हैं!!
जब से वो ख्वाबों में आने लगे,
हम भी स्वप्न नए बुनने लगे हैं!!

बदल रही है जिंदगी की बयार धीरे-धीरे!
हो रहा है किसी मासूम से प्यार धीरे-धीरे!!

कब तलक टिका है कोई दरखत?
जिसने अपनी जड को ही छोड़ दिया !
है कितने खुदगर्ज-कमज़र्फ वो लोग,
ज़ोर ज़ुल्म डर से,मजहब ही छोड़ दिया?

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 128 Views
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