ज़िंदगी की हकीकत

ज़िंदगी की हकीकत
ये जो धरती की फिजाएं हैं,
दर्द-ए-दिल की हकीकत होगी,
कल जो दुनिया की खुशियां थी,
आज लोगों की मुसीबत होगी।
तेरी नसीहत क्यों बाधित हुई,
आज दुनिया यूं ही सूनी होगी,
आज रिश्ते हैं सब बिखरे,
इंसा ये कैसी तेरी फितरत होगी,
ज़िंदगी की हकीकत में,
आज रिश्तों की नुमाइश होगी,
तेज हवाओं ने रुख मोड़ा,
आज फिर से क्या क़यामत होगी।
✍️ – SPK Sachin Lodhi