सब्र का पैमाना जब छलक जाये

सब्र का पैमाना जब छलक जाये
कोई बताये क्या किया जाये
है सियासत यहाँ लोगों की ….
अब मुहब्बत को कैसे बचाया जाये
कौन खुश है इस ज़माने में
किस तरह हर ग़म को मिटाया जाये
इस तरह तोड़ा नहीं जाता ताल्लुक कोई
है ज़रूरी के हर रिश्ता निभाया जाये
वो मेरे दोस्त है या दुश्मन है
उनके चेहरे से नकाब अब उतारा जाये
सूकून -दिल को जो दे जाये नाज़
ऐसा सजदा अब अदा किया जाये …..🤲ShabinaZ