*सरस्वती-वंदना (कुंडलिया)*
सरस्वती-वंदना (कुंडलिया)
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वर दो हे मॉं शारदा, जागे बुद्धि-विवेक
सब में भर दो यह समझ, जग कुटुंब-सम एक
जग कुटुंब-सम एक, काम सब के सब आऍं
लोभ-मोह से दूर, भाव निष्काम बनाऍं
कहते रवि कविराय, सरल हृदयों को कर दो
छल का रहे अभाव, बनें हम बच्चे वर दो
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451