हम दो किनारे हो गए …….
हम दो किनारे हो गए …….
कुछ तुमने बढ़ा ली दूरियां ….
कुछ हम मजबूर हो गए //
अपने अपने दायरों में …..
हम अपनों से दूर हो गए //
चंद लम्हों की मुलाकात में ….
जन्मों के वादे कर लिए //
चंद लम्हे भी चल न पाए ….
और रास्ते कहीं खो गए //
वक्त की आंधी में सारे ….
स्वप्न धुँधले हो गए //
कर न पाए शिकवा कोई ….
हम दो किनारे हो गए//
हम दो किनारे हो गए //
सुशील सरना