*आवारा कुत्ते मिले, गलियों में खूॅंखार (कुंडलिया)*

आवारा कुत्ते मिले, गलियों में खूॅंखार (कुंडलिया)
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आवारा कुत्ते मिले, गलियों में खूॅंखार
झुंड बनाकर घूमते, कम से कम यह चार
कम से कम यह चार, घूर कर प्राण सुखाते
भरते मुॅंह में पॉंव, काटते दॉंत गड़ाते
कहते रवि कविराय, हुआ मानव बेचारा
कुत्ते हैं छह-सात, हर गली में आवारा
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451