अंदाज़े शायरी

किसी की काँटों भरी राह में , फूल बिछाकर देखो
उदास चेहरे पर , मुस्कान लाकर देखो I
क्यों कर जिए कोई , सिसकती सांसों के साथ
मुस्कराहट का एक समंदर सजाकर देखो II
अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
किसी की काँटों भरी राह में , फूल बिछाकर देखो
उदास चेहरे पर , मुस्कान लाकर देखो I
क्यों कर जिए कोई , सिसकती सांसों के साथ
मुस्कराहट का एक समंदर सजाकर देखो II
अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”