"नाना पाटेकर का डायलॉग सच होता दिख रहा है"
शेखर सिंह
खुद में भी एटीट्यूड होना जरूरी है साथियों
शेखर सिंह
बढ़ने वाला हर पत्ता आपको बताएगा
शेखर सिंह
अंधभक्तो अगर सत्य ही हिंदुत्व ख़तरे में होता
शेखर सिंह
मुझे उस पार उतर जाने की जल्दी ही कुछ ऐसी थी
शेखर सिंह
हरियाणवी
Ashwani Kumar Jaiswal
अजनबी से अपने हैं, अधमरे से सपने हैं
Johnny Ahmed 'क़ैस'
संवेदना बोलती है 🙏
तारकेश्वर प्रसाद तरुण
3327.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
3326.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
जाने क्या-क्या कह गई, उनकी झुकी निग़ाह।
sushil sarna
इतनी बिखर जाती है,
शेखर सिंह
अगर तलाश करूं कोई मिल जायेगा,
शेखर सिंह
इज़ाजत लेकर जो दिल में आए
शेखर सिंह
3325.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
चेहरे क्रीम पाउडर से नहीं, बल्कि काबिलियत से चमकते है ।
Ranjeet kumar patre
शीर्षक -तुम ही खेवनहार
Sushma Singh
ज़िंदगी का दस्तूर
Shyam Sundar Subramanian
3324.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
*बारात में पगड़ी बॅंधवाने का आनंद*
Ravi Prakash
बाबा , बेबी।
Kumar Kalhans
ग़र वो जानना चाहतें तो बताते हम भी,
ओसमणी साहू 'ओश'
प्रीतम दोहा अभिव्यक्ति
आर.एस. 'प्रीतम'
Active रहने के बावजूद यदि कोई पत्र का जवाब नहीं देता तो वह म
DrLakshman Jha Parimal
धुंध छाई उजाला अमर चाहिए।
Rajesh Tiwari
किसी विशेष व्यक्ति के पिछलगगु बनने से अच्छा है आप खुद विशेष
Vivek Ahuja
सुदामा कृष्ण के द्वार
Vivek Ahuja
हमको नहीं गम कुछ भी
gurudeenverma198
गरिबी र अन्याय
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
तुम्हें संसार में लाने के लिए एक नारी को,
शेखर सिंह
"कथनी-करनी"
Dr. Kishan tandon kranti
"गारा"
Dr. Kishan tandon kranti
"हाथों की लकीरें"
Dr. Kishan tandon kranti
"कलयुग का साम्राज्य"
Dr. Kishan tandon kranti
गिरिधारी छंद विधान (सउदाहरण )
Subhash Singhai
संवेदना(कलम की दुनिया)
Dr. Vaishali Verma
क्षणिका ...
sushil sarna
पाप पंक पर बैठ कर ,
sushil sarna
अजब प्रेम की बस्तियाँ,
sushil sarna
धवल चाँदनी में हरित,
sushil sarna
आज अचानक फिर वही,
sushil sarna
तल्खियां
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
आखिर मुझे कहना है संवेदना है वो वेदना है
Sandeep Barmaiya
मेरी कलम से…
Anand Kumar
मेरी कलम से…
Anand Kumar
संवेदना(सहानुभूति)
Dr. Vaishali Verma
छल छल छलके आँख से,
sushil sarna
“गर्व करू, घमंड नहि”
DrLakshman Jha Parimal
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
DrLakshman Jha Parimal
संवेदना
Khajan Singh Nain