“रामनवमी 2025 पर विशेष”

चैत शुक्ल नवमी लगन, कर्क, निराली बात,
पुनर्वासु नक्षत्र मह, कौसल्या सुत जात l
धन्य रामनवमी दिवस, सब नर नारि सिहात,
जन्मे रघुबर, अजुध्या, दशरथ-कुल बिख्यात l
नयन अद्भुत, छवि मनोहर, सुघड़ श्यामल गात,
देवजन अस्तुति करत जिन्ह, लोक तीन भरमात l
बचन राख्यो पिता को, तजि राज, चुनि बनवास,
बालि वध, रावन हनन, सब राक्षस गति पात l
हम सोँ कवन अमीर हय, दुष्टहिँ दम्भ सुहात।
त्रेता महँ लँका जरी, कलजुग कवन बिसात।।
मिटै द्वैष, लिप्सा, भरम, सुनियौ प्रभु, अरदास।
अलख जगावत, घन्टु बजावत, बिचरत आशादास।। 🕉️🙏
——##——–##——-##——-##——