ले शिशु रुप, माता कौशल्या की गोद में

ले शिशु रुप, माता कौशल्या की गोद में
सुनो सखी,जगत के पालनहार हैं आए
बजाओ ढोल, गाओ मंगल गीत, सोहर
दशरथ के कुंवर सखी, इस धाम हैं आए
ले शिशु रुप, माता कौशल्या की गोद में
सुनो सखी,जगत के पालनहार हैं आए
बजाओ ढोल, गाओ मंगल गीत, सोहर
दशरथ के कुंवर सखी, इस धाम हैं आए