नवचौपाला छंद :-राम जन्म का उत्सव छाया(प्रति चरण 18मात्रा)

राम जन्म का शुभ उत्सव छाया।
सकल जगत है देखो हर्षाया।।
धाम अयोध्या शुभता बरसाए।
राम जन्म की कथा सुनाए।।
दशरथ नंदन श्री हरि अवतारी।
आए वसुधा पर बन संसारी।।
बाल रूप में की लीला न्यारी।
दिव्य सजाई जग की फुलवारी।।
अहम भाव को समूल ही तोड़ा।
दिव्य कर्म से जनगण को जोड़ा।।
सागर का भी अति अहम मिटाया।
प्रेम शक्ति का मतलब समझाया।।
अहम दशानन रावण का मेटा।
पड़ा दिखाई वसुधा पर लेटा।।
भ्रात लखन का भी अहम मिटाया।
रावण से था जब ज्ञान दिलाया।।
राम कर्म की है दिव्य कहानी।
जो समझे तज देता मनमानी।।
राम कर्म जो आदर्श बनाता।
कृपा राम को है हरपल पाता।।
डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम