काली सी बदरिया छाई रे
किया मुक्त केशो को सजनी ने,
काली सी बदरिया छाई।
मशगूल था मैं लिखने में,
इतने में तस्वीर नयनों में आई।
चेहरे पर अचानक फुहार पड़ी,
मौज और मस्ती सी छाई।
हैरान था में मौसम से,
क्यों काली बदरिया छाई।
उनके आने से बढ़ती रौनक थी,
या मौसम की फुहार आई।
उस हुस्न अदा के क्या कहने,
नज़रों में अचानक छाई।
देखा तो उठाकर नज़रों को,
जीवन में जवानी सी छाई।
जुल्फों की घटाओं में छिपकर,
लेती थी सजनी अंगड़ाई।
‘अंजुम’ पूछो न हृदय की गति को,
एक आग हृदय में सुलगाई।
भीगे तो बहुत मगर बुझ न सकौ,
जो आग सजनी ने लगाई।
नाम-मनमोहन लाल गुप्ता
पता-मोहल्ला जाब्तागंज, नजीबाबाद, जिला बिजनौर 246763, यूपी
मोबाइल नंबर-9152859828
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