Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Oct 2023 · 1 min read

खुदा ने ये कैसा खेल रचाया है ,

खुदा ने ये कैसा खेल रचाया है ,
ये कैसी परिस्थिति को मेरे समक्ष उपस्थित करवाया है।
चाह के भी ये निगाहें झुकी हुई हैं,
अभिलाषा के विरुद्ध जाके आप से फिरी पड़ी है।
अगर क्षमता रहती तो आपको मेरी नजरों में कैद न कर लेती,
बस आपको देख यू ही थम जाती,
बस एक बार मुझे सहला दो ,
मैं यू ही बहल जाऊँगी,
ऐसे ही मैं तुम्हारी हो जाऊँगी।

1 Like · 183 Views

You may also like these posts

माँ की आँखों में पिता
माँ की आँखों में पिता
Dr MusafiR BaithA
जिसने अपने जीवन में दर्द नहीं झेले उसने अपने जीवन में सुख भी
जिसने अपने जीवन में दर्द नहीं झेले उसने अपने जीवन में सुख भी
Rj Anand Prajapati
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
क्या हुआ गर तू है अकेला इस जहां में
क्या हुआ गर तू है अकेला इस जहां में
gurudeenverma198
सीरत
सीरत
Nitin Kulkarni
जिन्हें
जिन्हें "हिंसा" बचपन से "घुट्टी" में मिला कर पिलाई जाएगी, वे
*प्रणय*
मतदान
मतदान
Anil chobisa
नहीं अन्न और जल होगा
नहीं अन्न और जल होगा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तेरी ये बिंदिया
तेरी ये बिंदिया
Akash RC Sharma
जब से हमारी उनसे मुलाकात हो गई
जब से हमारी उनसे मुलाकात हो गई
Dr Archana Gupta
प्यादा हूँ साहित्य का, कैसे करूँ बखान
प्यादा हूँ साहित्य का, कैसे करूँ बखान
RAMESH SHARMA
सूरज!
सूरज!
Ghanshyam Poddar
वज़ह सिर्फ तूम
वज़ह सिर्फ तूम
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
अनजाने से .....
अनजाने से .....
sushil sarna
તારા દિલમાં
તારા દિલમાં
Iamalpu9492
"रौनकें"
Dr. Kishan tandon kranti
ओ परबत  के मूल निवासी
ओ परबत के मूल निवासी
AJAY AMITABH SUMAN
सबकी सुन सुन के, अब में इतना गिर गया ।
सबकी सुन सुन के, अब में इतना गिर गया ।
Ashwini sharma
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
विषम परिस्थियां
विषम परिस्थियां
Dr fauzia Naseem shad
कांटों में जो फूल खिले हैं अच्छे हैं।
कांटों में जो फूल खिले हैं अच्छे हैं।
Vijay kumar Pandey
कचनार
कचनार
Mohan Pandey
न जाने कौन रह गया भीगने से शहर में,
न जाने कौन रह गया भीगने से शहर में,
शेखर सिंह
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
असफल लोगो के पास भी थोड़ा बैठा करो
असफल लोगो के पास भी थोड़ा बैठा करो
पूर्वार्थ
नज़र से तीर मत मारो
नज़र से तीर मत मारो
DrLakshman Jha Parimal
इस क़दर उलझे हुए हैं अपनी नई ज़िंदगी से,
इस क़दर उलझे हुए हैं अपनी नई ज़िंदगी से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नसीब नसीब की बात होती है कोई नफरत देकर भी प्यार पाता है कोई
नसीब नसीब की बात होती है कोई नफरत देकर भी प्यार पाता है कोई
Ranjeet kumar patre
"बदलता लाल रंग।"
Priya princess panwar
শিবের গান
শিবের গান
Arghyadeep Chakraborty
Loading...