Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jan 2025 · 1 min read

प्यादा हूँ साहित्य का, कैसे करूँ बखान

प्यादा हूँ साहित्य का, कैसे करूँ बखान ।
लिखता मैं जज़्बात को, दोहों में श्रीमान।।
रमेश शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 14 Views

You may also like these posts

मत भूल खुद को!
मत भूल खुद को!
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
पावस की ऐसी रैन सखी
पावस की ऐसी रैन सखी
लक्ष्मी सिंह
हक़ीक़त ने
हक़ीक़त ने
Dr fauzia Naseem shad
मेरी फितरत ही बुरी है
मेरी फितरत ही बुरी है
VINOD CHAUHAN
जितना आसान होता है
जितना आसान होता है
Harminder Kaur
एक पाव आँटा
एक पाव आँटा
Rambali Mishra
प्रवासी चाँद
प्रवासी चाँद
Ramswaroop Dinkar
सुना था कि मर जाती दुनिया महोबत मे पर मैं तो जिंदा था।
सुना था कि मर जाती दुनिया महोबत मे पर मैं तो जिंदा था।
Nitesh Chauhan
सुख भी चुभते हैं कभी, दुखते सदा न दर्द।
सुख भी चुभते हैं कभी, दुखते सदा न दर्द।
डॉ.सीमा अग्रवाल
" सोहबत "
Dr. Kishan tandon kranti
माफ़ी मांग लो या
माफ़ी मांग लो या
Sonam Puneet Dubey
चूहे
चूहे
Vindhya Prakash Mishra
जीवन - अस्तित्व
जीवन - अस्तित्व
Shyam Sundar Subramanian
सपनों का ताना बना बुनता जा
सपनों का ताना बना बुनता जा
goutam shaw
🙅प्रावधान से सावधान🙅
🙅प्रावधान से सावधान🙅
*प्रणय*
जी आजाद इस लोकतंत्र में
जी आजाद इस लोकतंत्र में
gurudeenverma198
मासुमियत - बेटी हूँ मैं।
मासुमियत - बेटी हूँ मैं।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
मुझसे गुस्सा होकर
मुझसे गुस्सा होकर
Mr.Aksharjeet
सुरों का बेताज बादशाह और इंसानियत का पुजारी ,
सुरों का बेताज बादशाह और इंसानियत का पुजारी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
है हार तुम्ही से जीत मेरी,
है हार तुम्ही से जीत मेरी,
कृष्णकांत गुर्जर
मेरे पांच रोला छंद
मेरे पांच रोला छंद
Sushila joshi
जैसे हम,
जैसे हम,
नेताम आर सी
रोआ के न जइहऽ
रोआ के न जइहऽ
आकाश महेशपुरी
*आंखों से जाम मुहब्बत का*
*आंखों से जाम मुहब्बत का*
Dushyant Kumar Patel
दिवानगी...
दिवानगी...
Manisha Wandhare
लोग टूट जाते हैं अपनों को मनाने में,
लोग टूट जाते हैं अपनों को मनाने में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
4305.💐 *पूर्णिका* 💐
4305.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
शामें किसी को मांगती है
शामें किसी को मांगती है
Surinder blackpen
चले ससुराल पँहुचे हवालात
चले ससुराल पँहुचे हवालात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
* दिल के दायरे मे तस्वीर बना दो तुम *
* दिल के दायरे मे तस्वीर बना दो तुम *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...