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1 May 2024 · 1 min read

जब से हमारी उनसे मुलाकात हो गई

जब से हमारी उनसे मुलाकात हो गई
ऐसा लगे कि प्यार की बरसात हो गई

हम इस तरह से रह रहे यादों की कैद में
जैसे ये ज़िन्दगी ही हवालात हो गई

चिंता में उनकी जाने क्या क्या सोचने लगे
पर मिल गया सुकून जब उनसे बात हो गई

इतना नशा है इश्क का अब होश भी नहीं
कब दिन हुआ है और कब ये रात हो गई

हम तो नदी के छोर थे पर फिर भी मिल गये
किस्मत से देखिए ये करामात हो गई

अब तो हमारा दिल भी हमारा नहीं रहा
आँखों से अपनी कैसी खुराफात हो गई

ये पक्षपात है नहीं तो क्या है ‘अर्चना’
अपने ही मोहरे और यहाँ मात हो गई

डॉ अर्चना गुप्ता
30.04.2024

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