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Phool gufran
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28 Jun 2024 · 1 min read
उसकी गलियों में कदम जब भी पड़े थे मेरे।
उसकी गलियों में कदम जब भी पड़े थे मेरे।
उसकी खुशबू की महक मुझको यहां तक लाई।
Phool gufran
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