दोहा

दोहा
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आराधन माॅं का करो, वह है शक्ति स्वरूप।
जन-जन के कल्याण हित, धरती है बहुरूप।।
राज मात पूजन करो, देती सदगुण ज्ञान।
दुर्गुण दुष्ट संहारती, करती जन कल्याण।।
~राजकुमार पाल (राज) ✍🏻
(स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित)