Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Feb 2024 · 1 min read

तकलीफ ना होगी मरने मे

मै कर्म जो ऐसे करता हूं, यह कर्म ही मेरे कल होंगे
जीवन तो यह बीत रहा, तकलीफ ना होगी मरने मे

मै धोखा फरेब अपनो संग, कभी नहीं कर सकता हुँ
मात-पिता के चरणों से, तकलीफ ना होगी सपने में
घमंड नहीं है अपनों पर, विश्वास में उन पर करता हूंँ
जीवन तो यह बीत रहा, तकलीफ ना होगी मरने मे

आज हम ने बोया होगा, कल वही तो फल काटेंगे
हम रिश्तों की मर्यादा रखेगे, सम्मान करेंगे अपनों में
बड़े बुजुर्गो व गुरुवार का, सम्मान सदा में करता हूँ
जीवन तो यह बीत रहा, तकलीफ ना होगी मरने मे

व्यर्थ ही उलझे पड़े हैं, हम संसारी भोग की खेलों में
आज तेरा कल वह मेरा, बस यही मिलेगा अपनों में
जब कर्म ही मेरे कल होंगे, मै कर्म क्यो ऐसे करता हूंँ
जीवन तो युही बीत गया, तकलीफ ना होगी मरने मे

लीलाधर चौबिसा (अनिल)
चित्तौड़गढ़ 9829246588

Language: Hindi
165 Views

You may also like these posts

जो अपने दिल पे मोहब्बत के दाग़ रखता है।
जो अपने दिल पे मोहब्बत के दाग़ रखता है।
Dr Tabassum Jahan
अपनी मंजिल की तलाश में ,
अपनी मंजिल की तलाश में ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
दिया जा रहा था शराब में थोड़ा जहर मुझे
दिया जा रहा था शराब में थोड़ा जहर मुझे
Shreedhar
भरत मिलाप
भरत मिलाप
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
आईने के सामने
आईने के सामने
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
गीत- इरादे नेक हों जिसके...
गीत- इरादे नेक हों जिसके...
आर.एस. 'प्रीतम'
बाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएँ
बाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएँ
Dr Archana Gupta
*यदि उसे नजरों से गिराया नहीं होता*
*यदि उसे नजरों से गिराया नहीं होता*
sudhir kumar
18, गरीब कौन
18, गरीब कौन
Dr .Shweta sood 'Madhu'
बुंदेली दोहा - सुड़ी
बुंदेली दोहा - सुड़ी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
🚩पिता
🚩पिता
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
किस पर करूं यकीन ...
किस पर करूं यकीन ...
Sunil Suman
*कुछ गुणा है कुछ घटाना, और थोड़ा जोड़ है (हिंदी गजल/ग
*कुछ गुणा है कुछ घटाना, और थोड़ा जोड़ है (हिंदी गजल/ग
Ravi Prakash
पुरुषो को प्रेम के मायावी जाल में फसाकर , उनकी कमौतेजन्न बढ़
पुरुषो को प्रेम के मायावी जाल में फसाकर , उनकी कमौतेजन्न बढ़
पूर्वार्थ
😢कड़वा सत्य😢
😢कड़वा सत्य😢
*प्रणय*
एक मुखी रुद्राक्ष या, ....एक मुखी इंसान।
एक मुखी रुद्राक्ष या, ....एक मुखी इंसान।
RAMESH SHARMA
इन्दजार.
इन्दजार.
Heera S
Is This Life ?
Is This Life ?
Chitra Bisht
इस ज़माने में, ऐसे भी लोग हमने देखे हैं।
इस ज़माने में, ऐसे भी लोग हमने देखे हैं।
श्याम सांवरा
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
Rj Anand Prajapati
हम तेरे साथ
हम तेरे साथ
Dr fauzia Naseem shad
4248.💐 *पूर्णिका* 💐
4248.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मां की दुआओं का असर
मां की दुआओं का असर
डॉ. एकान्त नेगी
चुनौति हमेशा बड़ा लेना चाहिए,
चुनौति हमेशा बड़ा लेना चाहिए,
Ranjeet kumar patre
विधाता छंद (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
विधाता छंद (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
Subhash Singhai
बिजली
बिजली
अरशद रसूल बदायूंनी
जीवन और रोटी (नील पदम् के दोहे)
जीवन और रोटी (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
प्रश्न ......
प्रश्न ......
sushil sarna
एक आकार
एक आकार
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
हमारे साथ खेलेंगे नहीं हारे वो गर हम से
हमारे साथ खेलेंगे नहीं हारे वो गर हम से
Meenakshi Masoom
Loading...