Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Mar 2024 · 1 min read

कई बार हम ऐसे रिश्ते में जुड़ जाते है की,

कई बार हम ऐसे रिश्ते में जुड़ जाते है की,
ना पास रह सकते और ना दूर रह सकते….!!

पता भी होता है की हम दोनों का कुछ नहीं हो सकता,
फिर भी ना जाने क्यों दूर रह नहीं सकते….!!

ये दिलों की नजदीकियां भी ना जाने क्यूं इस कदर हो जाती है फिर दूर जाने पर जैसे सांसे
ही बंद सी हो जाती है….!!

एक दूजे के सामने होते हुए भी कई बार बात
नहीं कर पाते है,
ये हालात भी कुछ ऐसे आंखो और दिलों
से बया हो जाते है….!!

पास से कुछ यू गुजर जाते है जैसे एक दूजे को
जानते ही नहीं है,
पर दोनों के अनकहे जज्बात सब कुछ बया भी
कर जाते है ….!!

126 Views

You may also like these posts

कोयल
कोयल
Madhuri mahakash
अगर प्यार  की राह  पर हम चलेंगे
अगर प्यार की राह पर हम चलेंगे
Dr Archana Gupta
ग़ज़ल _गई अब वो गर्मी 🌹🌾
ग़ज़ल _गई अब वो गर्मी 🌹🌾
Neelofar Khan
Live in Present
Live in Present
Satbir Singh Sidhu
*वैज्ञानिक विद्वान सबल है, शक्तिपुंज वह नारी है (मुक्तक )*
*वैज्ञानिक विद्वान सबल है, शक्तिपुंज वह नारी है (मुक्तक )*
Ravi Prakash
साहित्य का बुनियादी सरोकार +रमेशराज
साहित्य का बुनियादी सरोकार +रमेशराज
कवि रमेशराज
गांव गाय अरु घास बचाओ !
गांव गाय अरु घास बचाओ !
Anil Kumar Mishra
माँ और बेटी.. दोनों एक ही आबो हवा में सींचे गए पौधे होते हैं
माँ और बेटी.. दोनों एक ही आबो हवा में सींचे गए पौधे होते हैं
Shweta Soni
प्रार्थना
प्रार्थना
Shyam Sundar Subramanian
सफ़र अभी लंबा है...
सफ़र अभी लंबा है...
Ajit Kumar "Karn"
*जिंदगी के  हाथो वफ़ा मजबूर हुई*
*जिंदगी के हाथो वफ़ा मजबूर हुई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"यक्ष प्रश्न है पूछता, धर्मराज है मौन।
*प्रणय*
sp111 जो कहते हैं
sp111 जो कहते हैं
Manoj Shrivastava
” माता-पिता और गुरु में फर्क “
” माता-पिता और गुरु में फर्क “
ज्योति
समाधान ढूंढने निकलो तो
समाधान ढूंढने निकलो तो
Sonam Puneet Dubey
अपनी भूल स्वीकार करें वो
अपनी भूल स्वीकार करें वो
gurudeenverma198
मुस्कान
मुस्कान
seema sharma
मोहब्बत बस यात्रा है
मोहब्बत बस यात्रा है
पूर्वार्थ
गतवर्ष से नववर्ष तक
गतवर्ष से नववर्ष तक
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
23/116.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/116.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
“२६ जनवरी”
“२६ जनवरी”
Sapna Arora
माना की आग नहीं थी,फेरे नहीं थे,
माना की आग नहीं थी,फेरे नहीं थे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरा हाथ
मेरा हाथ
Dr.Priya Soni Khare
पेंशन पर कविता
पेंशन पर कविता
गुमनाम 'बाबा'
सत्य की खोज
सत्य की खोज
इंजी. संजय श्रीवास्तव
न किजिए कोशिश हममें, झांकने की बार-बार।
न किजिए कोशिश हममें, झांकने की बार-बार।
ओसमणी साहू 'ओश'
रख अपने वास्ते
रख अपने वास्ते
Chitra Bisht
I am afraid------------
I am afraid------------
राकेश चौरसिया
अपना दिल तो ले जाओ जो छोड़ गए थे
अपना दिल तो ले जाओ जो छोड़ गए थे
Jyoti Roshni
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
Loading...