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27 Feb 2024 · 1 min read

नये साल में

नये साल में

मिलके खिलखिलाये नये साल में,
दिल से दिल मिलाये नये साल में।

बैर, भेद, छल, कपट पाटके साथी,
सभी को गले लगाये नये साल में।

किसी को ठेस न लगे व्यवहार से,
रूठे है उनको मनाये नये साल में।

दीन दुखियों के मदद को तत्पर रहे,
मानवता पे मोह जगाये नये साल में।

बिखरे में हान है, एक रहे में मान है,
चलो सुम्मत को परघाये नये साल में।

मानव मानव एक समान गुरु वचन है,
जात पात का भेद मिटाये नये साल में।

सर्वजन का कल्याण हो यह भाव रखे
शिक्षा का प्रकाश फैलाये नये साल में।

महेतरु मधुकर (प्रधान पाठक)
पचपेड़ी, मस्तूरी, बिलासपुर

Language: Chhattisgarhi
Tag: Poem
1 Like · 162 Views

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