Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jan 2024 · 1 min read

जंग लगी खिड़की

एक बंद खिड़की
अक्सर घरों में होती है
मेरे घर में भी
न जाने कब से पड़ी थी बंद
एक खिड़की ज़ंग लगी
जिसे खोलने का
मेरा कोई इरादा नहीं था
एक उम्र गुज़र गई
वह खिड़की बंद थी
बंद ही रही
फिर पता नहीं क्या हुआ
कहाँ से आ गया वह
बनकर
तेज़ झोंका हवा का,

कई दिन तक
खड़खड़ाता रहा
उस जंग लगी खिड़की के
चरमराते पट
और आखिर हो ही गया कामयाब वह
खिड़की खोलने में
शायद
मैंने भी काई कोशिश नहीं की
उसे
बंद रखने के लिए
शायद
मैं भी चाहती थी
घुटन को कम करना
पर जब मैंने
खिड़की के खुले पट से
बाहर झांका
तो
बाहर कोई नहीं था
दूर तक कोई नहीं
कोई नहीं
कोई नहीं।
मैंने प्रतीक्षा की
बहुत दिनों तक प्रतीक्षा की
और फिर मैंने थक कर
आज
वह खिड़की कर दी है फिर से बंद
अनन्त काल के लिए

69 Views

You may also like these posts

कहा कहां कब सत्य ने,मैं हूं सही रमेश.
कहा कहां कब सत्य ने,मैं हूं सही रमेश.
RAMESH SHARMA
यह  तमाशा  तो सामने आया
यह तमाशा तो सामने आया
Dr fauzia Naseem shad
"रंग और पतंग"
Dr. Kishan tandon kranti
जब तक हम जिंदा यहाँ पर रहेंगे
जब तक हम जिंदा यहाँ पर रहेंगे
gurudeenverma198
वो तुम्हारी पसंद को अपना मानता है और
वो तुम्हारी पसंद को अपना मानता है और
Rekha khichi
लोग मेरे इरादों को नहीं पहचान पाते।
लोग मेरे इरादों को नहीं पहचान पाते।
Ashwini sharma
It's okay, my love.
It's okay, my love.
पूर्वार्थ
जिस स्त्री के पति कार्य के सिलसिले में अगर उनसे दूर रहते है
जिस स्त्री के पति कार्य के सिलसिले में अगर उनसे दूर रहते है
Ritesh Deo
बड़े दिनों से चढ़ा है तेरे प्यार का नसा।
बड़े दिनों से चढ़ा है तेरे प्यार का नसा।
Diwakar Mahto
.
.
*प्रणय*
उलझ नहीं पाते
उलझ नहीं पाते
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
आगे पीछे का नहीं अगल बगल का
आगे पीछे का नहीं अगल बगल का
Paras Nath Jha
मिट्टी का एक घर
मिट्टी का एक घर
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तेरा इक दिवाना हूँ
तेरा इक दिवाना हूँ
Dr. Sunita Singh
*किस्मत में यार नहीं होता*
*किस्मत में यार नहीं होता*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हनुमान वंदना/त्रिभंगी छंद
हनुमान वंदना/त्रिभंगी छंद
guru saxena
सडा फल
सडा फल
Karuna Goswami
नारी अस्मिता
नारी अस्मिता
Shyam Sundar Subramanian
कौशल
कौशल
Dinesh Kumar Gangwar
3650.💐 *पूर्णिका* 💐
3650.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
“मिजाज़-ए-ओश”
“मिजाज़-ए-ओश”
ओसमणी साहू 'ओश'
दुनियाँ में सबने देखा अपना महान भारत।
दुनियाँ में सबने देखा अपना महान भारत।
सत्य कुमार प्रेमी
सत्य की खोज यानी अपने आप की खोज. जीवन का परम लक्ष्य
सत्य की खोज यानी अपने आप की खोज. जीवन का परम लक्ष्य
Dr B.R.Gupta
रिश्ते-आम कह दूँ क्या?
रिश्ते-आम कह दूँ क्या?
Pratibha Pandey
सही दिशा में
सही दिशा में
Ratan Kirtaniya
जलियांवाला बाग
जलियांवाला बाग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हौंसलों की उड़ान
हौंसलों की उड़ान
Arvind trivedi
" रागी "जी
राधेश्याम "रागी"
"तब तुम क्या करती"
Lohit Tamta
सहज बन जाती
सहज बन जाती
Seema gupta,Alwar
Loading...