
मुक्तक
Raj kumar

नमी आंखों में साथ लाता है
Dr fauzia Naseem shad

अपनी ज़रूरतों में खुद को
Dr fauzia Naseem shad

हर एक मुलाकात, पैसे पर ठहर जाती है।
श्याम सांवरा

अंगारों से क्या डरना,
श्याम सांवरा

पलके बिछाये
हिमांशु Kulshrestha

/•• सम्हालीं कईसे ••/
Chunnu Lal Gupta

बाबासाहब भीमराव अंबेडकर
amankumar.it2006

महाराजा सूरजमल जाट
ललकार भारद्वाज

रूखसत किया था मैंने
Surinder blackpen

कविता ( दु:खियारा बच्चा)
Mangu singh

..
*प्रणय प्रभात*

अस्तित्व को ....
sushil sarna

जौ के दाने
उमा झा

उफ़! मैं गलतफहमियाँ
Sudhir srivastava

पथ का पत्थर
उमा झा

अटल, अटल था, अटल ही रहेगा
Sudhir srivastava

परमात्मा तो उन्हें ही प्राप्त होता है जो ठहरने में रुचि लेते
Ravikesh Jha

अब तेरी भी खैर नहीं
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'

न जाम बना न मयकदा जो बुझा सका हो मेरी प्यास
Pramila sultan

■ एक बेचारा...!
*प्रणय प्रभात*

दोहा सप्तक. . . . अपने
sushil sarna

कहे जो तू सच वो ही फ़क़त है
Anis Shah

*इंटरनेशनल कुंडली*
*प्रणय प्रभात*

आज के बूढ़े नेताओं के ,
Saurabh Kumar

जलियांवाला बाग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

राह में मिले हम तुम,जैसे--------- ?
gurudeenverma198

*छोटी कविताएं*
Dushyant Kumar Patel

बर्बादी
Adya jha

पुजारी को धमका कर आधी रात के बाद मंदिर के कपाट खुलवाने और क़ा
*प्रणय प्रभात*

अभी पतझड़ की जद में हैं मगर मौसम ये बदलेगा
raijyoti47.

13 अप्रैल
*प्रणय प्रभात*

कुंडलिया कलश ( समीक्षा )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय

नोक झोंक
surenderpal vaidya

क्या तेरे आने का खुशी, क्या तेरे जाने का गम।
जय लगन कुमार हैप्पी

खड़ा हुआ जाकर स्वर्ग के द्वार
डॉ सुरेश जांगिड़

ऐसा लगा कि मैं पहुंच गया स्वर्ग में
डॉ सुरेश जांगिड़

एक दिन पता ना के होग्या
डॉ सुरेश जांगिड़

सुनहरे पल और वो मीठी यादें
डॉ सुरेश जांगिड़

कौन है 'दुनिया'तेरा,जिसे जवाब देना है तुझे
Pramila sultan

गर्व से कहो हम हिन्दू हैं
डॉ सुरेश जांगिड़

भारतीय स्वधर्म एवं जीवन-दर्शन
डॉ सुरेश जांगिड़

धरती का हर एक कोना खिला है।
डॉ सुरेश जांगिड़

अलबेली बसन्त बन जा मेरी सहेली।
डॉ सुरेश जांगिड़

😊सुप्रभातम😊
*प्रणय प्रभात*

पेड़-पौधे महके सारे।
डॉ सुरेश जांगिड़

बसंत आयी खुशियों की बहार लायी।
डॉ सुरेश जांगिड़

हवाएं सनन सनन बहती जाती।
डॉ सुरेश जांगिड़

विश्वगुरु भारत अब बन रहा है।
Acharya Shilak Ram

क्या कर लोगे शिक्षित होकर।
Acharya Shilak Ram